स्कूलों में कला और शिल्प गतिविधियाँ न केवल छात्रों के लिए मनोरंजक होती हैं, बल्कि उनके समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। स्कूल के पाठ्यक्रम में विभिन्न कला और शिल्प गतिविधियों को शामिल करके, शिक्षक छात्रों में रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और सांस्कृतिक प्रशंसा को बढ़ावा दे सकते हैं, साथ ही आत्म-अभिव्यक्ति और व्यक्तिगत विकास के लिए एक मंच प्रदान कर सकते हैं।